April 6, 2010

उनके हक में खुदा से एक दुआ हम करें..




दिल
जो आया किसी पे तो क्या हम करें...
उसके हक में खुदा से एक, दुआ हम करें॥

दिल जो आया किसी पे तो क्या हम करें...
उसके हक में खुदा से एक, दुआ हम करें

कैसे
कह दे मेहरबां से यूँ हाल-ऐ-दिल...
कैसे महबूब से अपने, इल्तिजां हम करें

दिल जो आया किसी पे तो क्या हम करें...
उसके हक में खुदा से एक, दुआ हम करें

आज कल है ज़माना बड़ा मतलबी....
कैसा
हो गर दोस्तों से कम ,मिला हम करें

दिल
जो आया किसी पे तो क्या हम करें...
उसके हक में खुदा से एक, दुआ हम करें

वो तो बेपरवा हैं, वो तो मगरूर हैं,पर वो हैं तो सनम...
उनकी आदत का कैसे..गिला हम करें

दिल जो आया किसी पे तो क्या हम करें...
उसके
हक में खुदा से एक दुआ हम करें

मयकशी
छोड़ दी , दिल्लगी छोड़ दी....
अब 'तड़प' से गुजारिश है, तड़पना कम करे

दिल
जो आया किसी पे तो क्या हम करें...
उसके
हक में खुदा से एक दुआ हम करें


Beparwah..

No comments:

Post a Comment