बहुत दिनों के बाद कुच्छ लिखने का मन हुआ है . ...
पता है?? एक अरसे के बाद एक पुराना कोई दोस्त मीला है। जो शायद मुझे भूल भी चूका था ,या उसे शायद मैं याद भी था ये पता नहीं।
उसके मिलने की ख़ुशी भी है बहुत और साथ ही साथ थोडा सा ग़म भी...ग़म ये की वो मिल के भी कभी न मिल सकेगा ..काहिर कोई बात नहीं। शायद यही ज़िन्दगी है...थोडा सा ग़म और थोड़ी सी ख़ुशी। इसीलिए तो हर इंसान जीता है। ...
_______________________________________________________________
कुछ लोग न जाने क्या कर देते हैं ...
बस एक नज़र देख के फ़ना कर देते हैं।
दिखा देते हैं ज़िन्दगी को नयी राहें...
और पुराने आसियाने तबाह कर देते हैं॥
___________________________________________________
June 10, 2010
Subscribe to:
Posts (Atom)