April 21, 2011

न जाने क्यों ...

जाने क्यों मुझसे वो शर्माते हैं...
निशब्द चक्छु बाण चाले हैं॥
जब देखता हूँ मैं उनकी ओर...
बस मंद-मंद मुस्काते हैं॥

नैन सांवरे , केश बाँवरे ...
कमर सुराही , वाणी मुहावरे ॥
गालों पे लाली आ जाती है...
मुझे देख नैन इठलाते हैं॥

जब देखता हूँ मैं उनकी ओर...
बस मंद-मंद मुस्काते हैं

जीवन में प्रेम रस जो मिल जाए ...
गीत मेरा भी मधुर हो जाए॥
चन्द्र मेरा तू , मैं चंद्रमुखी...
तुम्हे देख-देख हम गाते हैं॥

जब देखता हूँ मैं उनकी ओर...
बस मंद-मंद मुस्काते हैं


बेपरवाह...

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