
एक नज़र की बात क्या कहूँ मैं आपसे...
एक नज़र की बात क्या कहूँ मैं आपसे...
वो नज़र कुछ ऐसे मेरी आँख पे लगी .........!!!
फिर क्या हुआ ये मत पूछो तुम यारों...
फिर किसी रात मेरी आँख न लगी॥
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एक नज़र तेरी...बस एक नज़र का फ़साना है...
मुहब्बत का ये किस्सा तो सदियों पुराना है ॥
तेरी बस एक नज़र का ये फ़साना है ..
मुहब्बत का ये किस्सा तो सदितों पुराना है॥
टूटे हौसलों की बुनियादों पे कच्ची मिटटी के रिश्ते हैं...(२)
इन्ही को निभाना है...यहीं घर बनाना है॥
तेरी बस एक नज़र का ये फ़साना है...
मुहब्बत का ये किस्सा तो सदियों पुराना है ॥
न सरगम के सुर हैं न नगमों की धारा है...(२)
इन्ही को बजाना है ...इन्हे गुनगुनाना है॥
तेरी बस एक नज़र का ये फ़साना है...
मुहब्बत का ये किस्सा तो सदियों पुराना है॥
सर्द चाँद रातों में बस कुच्छ शिकवों की चादर है...(२)
इन्ही को ओढ़ सोना है...इन्ही को बिछाना है॥
तेरी बस एक नज़र का ये फ़साना है...
मुहब्बत का ये किस्सा तो सदियों पुराना है॥
बस थोड़ी सी बूंदें हैं बाकी , आँखों में नमी की ...(२)
इन्ही को छुपाना है...इन्ही को पी जाना है ॥
तेरी बस एक नज़र का ये फ़साना है...
मुहब्बत का ये किस्सा तो सदियों पुराना है॥
एक नज़र तेरी...बस एक नज़र का फ़साना है..
मुहब्बत का ये किस्सा तो सदियों पुराना है॥
Beparwah...
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